श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
श्री काशी विश्वनाथ वाराणसी का सबसे लोकप्रिय मंदिर है जिसमें बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि ...
श्री काल भैरव मंदिर
यह मंदिर श्री बटुक भैरव मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, जहाँ ज्यादातर तीर्थयात्रियों द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर….
विश्वनाथ मंदिर बीएचयू
यह मंदिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर के अंदर स्थित है और यह माना किया जाता है कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर है...
श्री संकट मोचन मंदिर
संकट मोचन मंदिर वाराणसी के सबसे अधिक जाए जाने वाले मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि महान संत-कवि तुलसीदास, जिन्होंने ...
श्री दुर्गा मंदिर
दुर्गा मंदिर का निर्माण बंगाल की रानी भवानी ने उत्तर भारतीय नागर शैली में करवाया था। मंदिर को लाल रंग से रंगा गया है और इसके ...
गुरुधाम मंदिर
गुरुधाम मंदिर अपने आप में बहुत अनोखा है। यह लगभग 200 वर्ष पुराना मंदिर है, जिसे 1814 में राजा जय नारायण घोषाल ने बनवाया था...
श्री कर्दमेश्वर मंदिर
17वीं शताब्दी के मुगल विध्वंस के बाद कर्दमेश्वर महादेव मंदिर शहर का एकमात्र जीवित मंदिर है। ...
जैन मंदिर
यह मंदिर गंगा नदी के तट पर जैन घाट पर स्थित है, जिसे भदैनी घाट के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर ...
विशालाक्षी देवी मंदिर
काशी के इस मंदिर का उल्लेख देवी विशालाक्षी पुराण में मिलता है। 51 शक्तिपीठों में शामिल यह प्राचीन मंदिर...
लोलार्क कुंड मंदिर
लोलार्क कुंड, 15 मीटर ऊंचाई का एक आयताकार कुंड है तथा वाराणसी के सबसे पुराने पवित्र स्थानों में से एक है। यह संरचना हो सकती है...
शूलटंकेश्वर मंदिर
शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर दक्षिण में, जहाँ से गंगा उत्तरवाहिनी द्वारा काशी में प्रवेश करती…
श्री तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर
काशी नगरी में हर शिवलिंग का अपना-अपना महात्म्य है। इसमें अति प्राचीन तिलभांडेश्वर महादेव का पौराणिक…..
बाबा कीनाराम आश्रम
पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित संपूर्ण उत्तर भारत में अघोरपंथ के प्रचारक में बाबा कीनाराम का अमूल्य योगदान…..
तुलसी मानस मंदिर
वाराणसी के मंदिरों में तुलसी मानस मंदिर का विशेष महत्व है। तुलसी मानस मंदिर का निर्माण सेठ रतन लाल सुरेका…..
श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर
जहां काशी के कण-कण में भगवान विश्वनाथ का वास है, उसी धार्मिक नगरी काशी में संत रविदास का एक ऐसा मंदिर…..
सारनाथ
सारनाथ बौद्धों का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद बुद्ध ने सारनाथ का दौरा किया….