के बारे में
क्षेमेश्वर घाट, जिसे पहले सोमेश्वर घाट और नाला घाट के नाम से जाना जाता था, वाराणसी के घासी टोला क्षेत्र में स्थित है। इसका नाम क्षेमेश्वर महादेव मंदिर के आधार पर रखा गया है। इस घाट का संबंध एक पौराणिक कथा से भी है, जिसमें कहा गया है कि क्षेमक नामक एक असुर ने भगवान शिव की गहन भक्ति से प्रसन्न होकर यहाँ मंदिर की स्थापना की, जिससे यह घाट शिवभक्तों के लिए एक पवित्र स्थल बन गया।
सन् 1958 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घाट का जीर्णोद्धार कराया और बाद में 1962 में इसे श्री कुमारस्वामी मठ द्वारा पक्का कराया गया। यह मठ एक दक्षिण भारतीय संत द्वारा स्थापित तमिल मठ है। उत्तर और दक्षिण की परंपराओं का यह संगम घाट को एक गहन सांस्कृतिक गहराई प्रदान करता है।
क्षेमेश्वर घाट की विशेषता इसके स्वयंभू शिवलिंगों का समूह है, जिन्हें स्वयं भगवान शिव की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है। भक्त यहाँ अपने पिछले पापों की क्षमा मांगने आते हैं, विशेषकर नाग पंचमी और महाशिवरात्रि जैसे पर्वों के दौरान, जब यह घाट धार्मिक ऊर्जा से आलोकित हो उठता है।