रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन केंद्र के बारे में
रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं कन्वेंशन केंद्र (RICCC), जिसे आमतौर पर रुद्राक्ष के नाम से जाना जाता है, वाराणसी की सबसे आधुनिक और प्रतिष्ठित आधारभूत संरचनाओं में से एक है। यह केंद्र वाराणसी के उस रूपांतरण का प्रतीक है, जिसमें यह शहर सांस्कृतिक आदान-प्रदान, व्यावसायिक बैठकों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक वैश्विक गंतव्य बन रहा है। इसे भारत-जापान मित्रता के प्रतीक के रूप में परिकल्पित किया गया था। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) की वित्तीय सहायता से जापानी अनुदान योजना के अंतर्गत विकसित इस केंद्र का उद्घाटन 15 जुलाई 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। लगभग 3 एकड़ भूमि पर सिगरा, वाराणसी के मध्य भाग में बने इस केंद्र में आधुनिक स्थापत्य कला और शहर की आध्यात्मिक पहचान का अद्भुत समन्वय है। इसकी बाहरी दीवार पर 108 रुद्राक्ष मोतियों की सजावट की गई है और छत का डिज़ाइन शिवलिंग के आकार में किया गया है, जो भगवान शिव — काशी के अधिष्ठाता देवता — की अनंत सत्ता का प्रतीक है।
यह कन्वेंशन सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जो इसे MICE पर्यटन (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंसेस और एग्ज़िबिशन्स) के लिए एक आदर्श स्थल बनाता है। इसका भव्य सभागार लगभग 1,200 लोगों की क्षमता रखता है और आवश्यकता अनुसार इसे दो हॉल में विभाजित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें कई मीटिंग रूम, 150 सीटों वाला कॉन्फ्रेंस हॉल, वीआईपी लाउंज, चार ग्रीन रूम, कला दीर्घाएँ और एक सर्विस ब्लॉक शामिल हैं। अत्याधुनिक ध्वनि, प्रकाश और प्रोजेक्शन प्रणालियों के साथ-साथ, यहाँ 120 कारों के लिए समर्पित बेसमेंट पार्किंग, दिव्यांगजन हेतु बाधारहित पहुँच और पूरी तरह वातानुकूलित केंद्रीयकृत भवन प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था की गई है।
रुद्राक्ष को विशेष बनाने वाली इसकी आधुनिक कार्यक्षमता ही नहीं बल्कि सततता और सांस्कृतिक एकात्मता भी है। इसे लेवल 3 GRIHA-रेटेड ग्रीन बिल्डिंग के रूप में निर्मित किया गया है, जिसमें सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन, ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था और पर्यावरण-अनुकूल सामग्री का उपयोग किया गया है। भवन के आंतरिक भाग में वाराणसी की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाने वाले भित्तिचित्र और कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं, जो आगंतुकों को शहर की शाश्वत धरोहर का अनुभव कराती हैं। परिसर में जापानी शैली के उद्यान भी विकसित किए गए हैं, जो भारतीय परंपरा और जापानी न्यूनतावाद (Minimalism) के मेल को और गहरा बनाते हैं।
उद्घाटन के बाद से, रुद्राक्ष में कई प्रकार के आयोजन हुए हैं — सरकारी शिखर सम्मेलन, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल की बैठकें, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शैक्षणिक सम्मेलन। इससे वाराणसी की पहचान केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में ही नहीं, बल्कि सम्मेलनों और सहयोग का एक उभरता हुआ वैश्विक केंद्र के रूप में भी मजबूत हुई है। इसे एक ऐसे स्थल के रूप में विकसित किया गया है जो अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों को आकर्षित करेगा, पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा, राजनयिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुदृढ़ करेगा तथा आतिथ्य, परिवहन और सहायक क्षेत्रों के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।
संक्षेप में, रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं कन्वेंशन केंद्र केवल एक कन्वेंशन हॉल नहीं है — यह एक सांस्कृतिक प्रतीक है, मित्रता का द्योतक है और आधुनिक पर्यटन का संवाहक है, जो दुनिया के सबसे प्राचीन जीवित शहर की पावन धरोहर को समकालीन वैश्विक आवश्यकताओं के साथ सहजता से जोड़ता है।
वेबसाइट: https://www.rudrakshcentre.com/
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- नगर निगम के पास, छिट्टूपुरा, सिगरा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश 221002