वाराणसी में आई0डब्ल्यू0टी0 मल्टी मॉडल टर्मिनलों के निर्माण का उद्घाटन 11 दिसंबर, 2018 को भारत के मा० प्रधान मंत्री द्वारा किया गया। यह परियोजना भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आई0डब्ल्यू0ए0आई0) द्वारा कार्यान्वित की गई है। टर्मिनल थोक कार्गो, कंटेनर और यात्री यातायात के प्रबंधन के लिए एक सुविधा के रूप में कार्य करता है। यह ईंधन भरने और पोत मरम्मत सेवाएं भी प्रदान करता है।
गंगा नदी के पूर्वी तट पर, वाराणसी को प० दिन डायल उपाध्याय नगर से जोड़ने वाले मालवीय रोड सह रेलवे पुल से लगभग 9 किलोमीटर ऊपर की ओर स्थित, टर्मिनल 100 एकड़ भूमि में फैला है। इसकी क्षमता सालाना 2 मिलियन टन कार्गो संभालने की है। टर्मिनल में दो बर्थ हैं, प्रत्येक की लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। ये बर्थ 40 टन क्षमता वाले मोबाइल हार्बर क्रेन (एमएचसी) से सुसज्जित हैं। इसके अतिरिक्त, टर्मिनल में प्रति वर्ष 10,000 टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाइयों) को संभालने की क्षमता वाला एक कंटेनर यार्ड शामिल है।
इस टर्मिनल का क्षेत्र के आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा क्योंकि यह माल और यात्रियों की आवाजाही के लिए परिवहन का एक लागत प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल तरीका प्रदान करता है। इसके अलावा, यह सड़कों और रेलवे पर भीड़ को कम करने में मदद करता है।
इस टर्मिनल का निर्माण भारत में अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्शाता है। यह एक व्यवहार्य परिवहन विकल्प के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों के उपयोग को बढ़ावा देता है और आर्थिक विकास और क्षेत्रीय विकास में योगदान देता है।
Rs. 208 Cr
Project_Cost
100 Acres
क्षेत्रफल
2 Million Tons per Annum
कार्गो क्षमता
10000 TEUs per Annum
कंटेनर यार्ड क्षमता
Major_Benefits
इस टर्मिनल से क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। यह माल और यात्रियों की आवाजाही के लिए परिवहन का एक लागत प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल तरीका प्रदान करेगा। इससे सड़कों और रेलवे पर भीड़ कम करने में भी मदद मिली है।